खुड़को हुयो
सांकळी बाजी
किवाड़ी हाली
मनड़ै की पोळ में
राम नाम को खुड़को हुयो
गुरू नाम को खुड़को हुयो
पिव नाम को खुड़को हुयो
करमां की किवाड़ी का दरूजा
सुमिरण-सुमिरण रट सूं हाल्या
यो खुड़को घणो गैरायो लागै
यो खुड़को घणो भरमायो लागै
मोह-माया सगळां सूं आगै
यो खुड़को घणो प्यारो लागै
करमां की किवाड़ी सूं
तनड़ा का भरमा भरवाती
मनडै कै मांही तक साचौ
यो खुड़को घणो न्यारो लागै।