धोरै री अहनाण खेजड़ी

ऊभी खूंटी ताण खेजड़ी

नासेटू रो अटल भरोसो

पग रो आईठाण खेजड़ी

अळवाणां धोरा जो वाटै

उणरो राखै मान खेजड़ी

लूंग डाळ पर अैड़ी लटकै

जैड़ी झूमर कान खेजड़ी

खावण नै आवै सांगरिया

मावो रजधान खेजड़ी

थारो नेह सुरग में चावो

हर घर देखो थान खेजड़ी

थूं धोरै री अंतस जामण

थळवट री धनपान खेजड़ी

बाढण नै आया जद बैरी

थारो स्वाभिमान खेजड़ी

राखी रै खेतर में देखो

हरदम आगीवाण खेजड़ी।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : कृष्णपाल सिंह राखी ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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