म्है ल्हास नै दिखाई

बा बासण लागगी

ल्हासां मरै कोनी

उण मांय आदमी बोलै

ल्हास बणपरा

इण मौत नै भणी

आगै बहोत बडो खतरो है।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : बी. एल. माली ‘अशांत’ ,
  • संपादक : श्याम महर्षि
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