बरसा पैला
अठै ही एक गुवाड़
गुवाड़ मांय घर ई घर
घरां में रैवता हा
बाबोसा-दादीसा
बापू-मा
काकोसा-काकीसा।
सगळै घरां रौ एक परवार
वा गुवाड़
जीवता सागै
दुख-सुख
अबै बसगी एक कोलोनी
मोटा-मोटा बिल्डिंग
ढक्योड़ा काच रा किवाड़ां सूं
अठै रैवै
'मोम' 'डेड'
'हनी' 'पिंकी' रा
पाड़ोस में
बाजा बाजो कै लठ
नीं व्है
टस रा मस
वे अणभणिया 'मिनख'
अे पढ्या लिख्या...।