कांटै सूं

कांटो काढ्यो

नीं रंगत

नीं रगत

लकब सूं

आंटो काढ्यो फगत।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : कालू खां ,
  • संपादक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी संस्कृति पीठ राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़