चाईजै
अेक ऐड़ो कलैंडर
जिण में रुतां रा
पतझड़, सावण वसंत मईना होवै
तीज-त्यूंआर री थोड़ी सी छुट्यां
जिण में बिरखा में भीज्योड़ी लाल आंत
गुणगुणै तावड़ै में सूकता सुपना
गुलाबी रंग में लिखीजै।
अेक कलैंडर
जिण में कीं दिन
आप भेळा
बितावण सारू 'रिजर्व' होवै
की रातां भी होवै निरवाळी
बेटी सूं उण री तोतली जबान में
'इटकण-चिटकण, दई चिटोकण'
सुणण सारू।