वाह रै

कैमरै री करामात

अंगाड़ी तोड़ती

अदाकारा री फोटू

सूंडी सूं सरकती

ढीली हाफ पैंट

सरकती

सरकती

सरकती

अेक संवेदनसील सींव आयगी

दो देसां रै बिचाळै री

आंख बोली

हट पाछै

नीं तो

गोळी लाग ज्यासी।

स्रोत
  • पोथी : म्हैं अन्नदाता कोनी ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम