...कुण करै?
कठै करै??
कीकर करै न्याव???
न्याव अेक मोटौ थपथपौ!
मकड़ी रौ जाळ,
आप रौ आप इज काळ।
किण रौ व्हियौ?
कठै व्हियौ?
(अर) कदै व्हियौ न्याव?
अठै धोळौ हाथी
बाजै अैरावत (पण)
ओ हाथी—
पुतियोड़ौ
काळा-धौळा गाबा में लिपटियोड़ौ
कुड़सी माथै बैठौ—
बंघियोड़ौ ऊंधा-पाधरा जतनां सूं
औ लागग्यौ न्याव रै
व्हे नै उदाई।
औ पूरौ सिलसिलौ
जठै वकील—
बिचारै गरीब नै घाल देवै गंगाजी
जीवतां थकां
अेक कसाई—
अठै मरणियौ खुद देवै फीस
आप रै मरण री।
कैवै लो आवौ—
म्हनै मारौ।