रूणझुण चालै चाल'क जोड़ी बळदां की

टणमण बाजै टाळ'क जोड़ी बळदां की

घण गाजै बीजळ खिंवै कोई सावण चढियो लोरनी

पपियो बोल्यो डूंगरां कोई खेतां नाच्यो मोर नी

तीज्यां आवैली

गोरी कै मन कोड'क पीवर जावैली

लेवण आसी वीर'क जोड़ी बळदां की

लावै डाळ नीम कै कोई हींडां मांड्यो

हींडै बनड़ी लाडली कोई ओढ्यां दिखणी चीर

साथण सहेली

दो दिन को है मेळक झोटा देवैली

हिवड़ै बढ़ी हिलोर'क जोड़ी बळदां की

झड़ी लगाती आवसी कोई भादूड़ै री तीज

सखी सहेली छोड़ता कोई चोळी जासी भीज

झूरै आंखड़ली

पिवजी हांक्या जाय'क पंचरंग पागड़ली

सासरियै ले जाय'क जोड़ी बळदां की

रूणझुण चालै, चाल'क जोड़ी बळदां की

टणमण बाजै टाळ'क जोड़ी बळदां की।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थान के कवि ,
  • सिरजक : माधव शर्मा 'मधुकर' ,
  • संपादक : रावत सारस्वत ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य संगम (अकादमी) बीकानेर