आंवळै रा टुकड़ा
मुट्ठी भर अजवाण
खाली दुवायां रा रेपर
टूटेड़ी माळा
फुदकती ऊंदरी
अर डोकरै री फाटेड़ी फोटू
बस ओ ई हो
बीं अभागी बूढळी री संदूक में.!
जद नीं मिली माया
तो बहू मांय जावंती-जावंती
बड़बड़ावै ही
अर अेक खुणै में
गोद लियेड़ो बेटो
झुर-झुर रोवै हो...
बठै ई मन्है बैठै-बैठै नै
इंदीवर याद आवै हा-
कोई किसी का नहीं है
झूठे नाते हैं नातों का क्या!