झूठ रौ वौपार

चालै जितै चालै

पण चलावणिया नैं

परौ चलावै

संसार सूं

आवण वाळी पीढियाँ

थूकै उणरा नाम पर

सरमां मरै उणरा नाम पर

उणसूं जुड़ता तार नैं आपसूं

नीं जुड़ण देवण री करै जुगत

झूठ रा वौपार रौ

वरतमान लागै घणौ रळियावणौ

च्यारुंमेर हांकारिया हाजर

रूळावण रा रंज करै

उणनै लागै असमान व्हियौ आपणौ

दुनियां व्ही मूठी में

म्हनैं घड़गी जकौ बाड़ में बड़गी

इसौ ऐसास करावै

झूठौ जचावै

फंदा में फसावै

पण कीं समझ नीं आवै

टैम निकळ जावै

झूठ रौ वौपार चलावणिया चलावै

कैवणिया कैवै

जावणिया जावै

मन चाया जीमै अर जीमावै

सबनै झूठी जचावै

भलां समझ नीं आवै

चलावणिया चलावै

चरणिया चरै

चलणिया चलै

भरम रौ निवेश करै

बातां रा ब्याळू करै

आज सुधारै

आगोतर गियौ आगड़ौ

स्रोत
  • सिरजक : राजेन्द्र बारहठ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी