मकड़ी बणावै जाळ
पतळो अर झीणो-झीणो
जकै माय फंस जावै
केई जीव-जंत
गंवा देवै
आपरी जान।
मिनख ई बणावै जाळ
बिना धागां रो झीणो-झीणो
जको दीखै ई नीं
फंस जावै
अर भोळा मिनख
खो देवै सो क्यूं ई!