नूर मियाँ री टपरी में
फूट्योड़े चूल्हे माथे
जुनी हांडी में
खदबदे म्हारा सबद...
सबद सिज्यां
डोई सूं जद
पुरसे थाळी
आवे सौरम इंकलाब री।