कद आ'य बो सवेरो
जद म्हारी गुवाड़ रा टाबरियां पढण सारू जाय।
आपरौ का'ल, आपरौ भविस गढण सारू जाय।
भगावटै होवंतां ही चाल पड़े लुगायां,
टाबरा नै सूत्या छोड़'र।
दूजा री गवाड़ संवारण सारू,
आपरै घरां ने बासी छोड़'र॥
कद आय बो सवेरो
जद म्हारी गुवाड़ रा टाबरियां
आपरी मां'वा रे हाथां स्यूं झाड़ू छुडाण सारू जाय।
आखिरकार कुण थानै मैलो
उठाण वास्ते मजबूर कर्'यो है?
जूठण खावण नै अर उतरियोड़ा पहरण नै
कुण थारे सागै जोरा जोरी कर्'यो है?
कद आ'य बो सवेरो
जद म्हारी गुवाड़ रा टाबरियां
आपरै हक हकूकां रे वास्ते लड़ण सारू जाय।
पढ'र बणनौ है भौत बडो मिनख,
आपरै टाबरियां नै अै बातां कद सिखावोला?
सूरज पूरब खानी स्यूं निकळै है,
टाबरां नै आ दिसा कद दिखावोला?
कद आ'य बो सवेरो
जद म्हारी गुवाड़ रा टाबरियां
आपरी दसा अर दिसा बदळण सारू जाय।