नौ मार्च उगणीस सौ इक्यासी री

वीं काळी रात रौ

कळवांसौ चांद उणमणो

आज लग अळूझ्यौ है

म्हारी आंतड्यां

थम थम 'र टीसती रैवै अेक पीड़

काळजै री ऊंडाई

जिण बखत

आल इंडिया मेडिकल साईंस रैं

इमरजेंसी वार्ड में

बेड नंबर जी-49 माथै

तड़फड़ावै ही सांसा

आक्सीजन सिलेंडर सूं आफळती

वीं इज बखत

मझ आधी रात

जाणै किण क्रूर हाथां

मोसीज्यौ म्हारौ कंठ

नीं ऊपन्या बोल

म्हैं हेलो करणौ चावूं मां नै

सबद गमग्या पण

डरूं फरूं हुय दापड़ जावूं

अणथाग अंधारौ

लोप लेवै म्हारो जमारौ

कदैई भै नीं हौ म्हनै

मां ही जद तांणी दुनिया ही मुट्ठी में

अंबर टोकसी लखावतौ

कितरौ इज काळौ हुवो अंधारौ

मां री मुळक रौ उजास

घर रै ऊंणा खूणां पळकतौ

वीं री पीळी लूगड़ी रै पल्लां

सांवटीजी सोनळिया किरणां

अमर उजाळौ राखती म्हारै घरां

दिन आंथणतां

ज्यूं ज्यूं पसरतौ अंधारौ आंगणै

मां जगावती चूल्हौ

माटी रै तवै सिकता सोगरा

बटळोई ऊफाणती दाळ

मां उजास देवती अेक'र साथै

उणियारौ घर रौ

ऊगतै परभात 'कान्हूड़ो' उगेरती मां री

गोटो-किनारी जड़ी कसूमल ओढणी में

अवतरतो परकास

सोळह सूरजां रौ

अरघ देवती मां तरपांवती तीनूं लोक

पुरांवती मनस्यावां मनगतां

अणमोळ सुपनां रै

लाग जांवती उडार

दोय पौर चढ्यौ दिन

मल्टीप्लेक्सां रै मकड़जाळ

उळझ पुळझ हुयौ समसै

बिसाई खांवतौ, उडीकै ऊगण नै

अंधारै गळपीजतौ म्हारौ घर

चौफेर आळस रा

काळा - पीळा बगूळियां बिचै

अंधारै गळपीजतौ म्हारौ घर

जाग्यौ इज कठै हाल!

म्हेैं डरपूं इण डाफाचूक

डरावणी

बिडरावण सूं अबै

हेलो करूं मां! मां....

अे मावड़ी!!....

स्रोत
  • पोथी : मायड़ ,
  • सिरजक : शारदा कृष्ण ,
  • संपादक : मीनाक्षी बोराणा