हकरत नौ दाडो
अेटले पतंग उडाडो
पतंग कापो पतंग लूटो
अर हामें वाळा नै भारो अंगूठो!
मजा'स मजा हैं आणा तैवार ना
आलवा मैलवा ना वैवार ना
तौलपापडी खवा नौ मजौ आवे
आंगास मंय जोवा नौ मजौ आवे
नैं हियारा नी टाड घणी लागे
अेटले तापै बेहवा नौ मजौ आवे...
जोनां छेतरं काडो
नानं छोरं नै लाडो
ऊंसू उडता हीखाडो
मोरैं वधवा नूं वताडो
नै स्वारथ नौ भाव मटाडो
कैमकै आ हैं दान पुन्न नौ दाडो!
पतंग हाथ में हाधी
कन्नट बांधी
दोरो जोड़्यो नै लईनै छौरो दोड़्यो...
पछे पतंग उडवा लागी आंगास मंय
पण बीजी पतंग आवी गई वैच मंय
अवे दोरो दोरा ने'ज कापे
पण हुं खबर
पतंग पडैं कैने जापै
न जात न धरम
न भेद न भरम
आ'ज तं खास वात है कै
मन नौ रावण मारौ
नै आक्खी दुनिया मंय अलख जगाडो
हकरत नौ दाडो
अेटले पतंग उडाडो।