गांव दो-फाड़ हूयग्यो छै...
एक मानै रीत नीत
दूजा गाभा खोल’र नाचै!
एक पसेव रा गीत गावै
दूजो मुफ्त री खावै!
एक मरै-पचै-खपै
अर दूजो बैठ्यो
रिपियो-रिपियो जपै।