गळी
रळी-मळी चालै छै
बडेरां दांई-
ऐडा-मेडा
अळसा-फळसा
तीज-त्यूंहार
ब्याह-मोखाण-
हर कठैई उभी दिस्सै...
लेय’र हाथ मांय परपंरा री सोटी
अर झोळै मांय गंडका सारू
रात री बासी रोटी।।