ने तो टापरू
तौड़ी नाकंगा
होकम गरीब मजुर हूं
गाम मैं
सुरं नै बईरू
वाड़ जु हैं
तेवार नो दाड़ौ है
मारै पाए
कोरा हो रूपीया हैं
घेर जई
पासो आवी
पाई पाई
सुकावी दूंगा
पण ई दईव
नै मान्या
रामजी पाए
पईशा खुई लईग्या
आजै
हपर्वे दाई
एक मनक
बीजा नै रौवाड़ी
आपड़ौ तैवार हदारी रया हैं
घेरे भूख नं भभड़तं सुरं
ने सेतरं बना नु बईरू
वाड़ जुवै है
आए सैर मएं
रोजी रोटी नौ मारयो
जमाना नी मार थकी
रामजी बेटौ बेटौ
रौवै है।