1 दिवलो

बांटै नेह नै
कर’र उजास
कोनी बिळसै आप,
जाणै बो
धिणाप, पाप।


2 दिवलो 

करै
खय
तप’र
खिण खिण
अंतस रो राग।
कर दी
विराग ऊजळी
दिवळै री दीठ?                                    
 
स्रोत
  • पोथी : कन्हैयालाल सेठिया समग्र ,
  • सिरजक : कन्हैया लाल सेठिया ,
  • संस्करण : प्रथम