अै कठै जावै है दोनूं

धोती अर साफो

होळै-होळै

बिनां कीं कैयां

झालियां मून

पून रै वेग

मेघ रै जियां

छियां जिम छिन में

धोळै दिन में

अेक रै लारै अेक

कैक गिया

रिया अबै थोड़ा

अै जावसी

बेगा कै मोड़ा

अै कठै जावै है दोनूं

धोती अर साफो

आनैं रोको

अै कठै जावै है दोनूं

लैय नै सागै

बूढ़िया डोकरा

छोकरा छोड’र

मोड’र माथा

छोड गिया देह

मेह जियां आभो

कै फाटियोड़ो गाभो

होय लीरोलीर

साव ही बोदो

अै कठै जावै है दोनूं

धोती अर साफो

आनैं रोको

अै कठै जावै है दोनूं

थानैं नी फरक

हरख नीं दरद

पण आंरै सारू

मरण है जींवता

घटती कदर

चद्दर ज्यूं बिछावै

पावै ठौड़ रालियां

गूदड़ा में घालियां

झलै देह सूआ

मोटियार पैरै जींस

माथै में टोपी

ओपी नी ओपी

कुण जाणै मरम

आज रै जुग नैं

देख-देख रोती

राली मांय दबियोड़ा

साफो अर धोती

अै कठै जावै है दोनूं

धोती अर साफो

आनैं रोको

अै कठै जावै है दोनूं

धोती अर साफो

बदळ गियो जमानो

चलै नीं आनो

अठन्नी बंद

कुण लिखै छंद

कवि सै बदळगिया

अतुकांत आसरो

सासरो घर ज्यूं

रोज आज्या पावणा

मालजादा खावणा

बदळतै बखत में

जीन्स टोपी जुग में

कठै जावै साफो

कठै जावै धोती

सूखियां समंदर

कठै जावै सीप

कठै जावै मोती

बठै जावै साफो

बठै जावै धोती।

स्रोत
  • पोथी : भींत भरोसै री ,
  • सिरजक : सत्येंद्र चारण ,
  • प्रकाशक : वेरा प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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