(1) 

ठौड़ बदळता 
धोरा 
लड़ीजी लड़ायां री जातरा रौ 
पुख्ता इतिहास है 
आगै बढ़ाव रा 
पांवडा है।

(2)

ऊभा धोरा
चौकी है चोकस री 

बैरयां रोक 
हिफाजत है
सुस्तांवती
पसरतोड़ी 
रेत री।

स्रोत
  • पोथी : थार बोलै ,
  • सिरजक : भंवर भादानी ,
  • प्रकाशक : स्वस्ति साहित्य सदन