चांद पर जा’र

लिया जका

धरती रा चितराम

बां स्यूं दिखै धरती

अगन री लपटां स्यूं

घिर्योड़ी एक दड़ी,

पण धरती स्यूं लियोड़ा

चनरमा रै चितरामां में

कोनी अगन री लपटां

इण स्यूं लागै’क जठै कोनी अगन

बठै कोनी हुवै पाणी’र पवन

जका जीवण रा कारण।

स्रोत
  • पोथी : कन्हैयालाल सेठिया समग्र ,
  • सिरजक : कन्हैया लाल सेठिया ,
  • संस्करण : प्रथम