भूंडी मार सिनेमारी

ओय, सिनेमा, हाय, सिनेमा,

आठूं पो’र अधावे रे

बाहर मां’य चौहटे चौड़े,

चूंट-चूंट कर खावे रे

चूड़ावण ज्यूं चूसण लागो,

दुखी किया भारी

भूंडी मार सि॰

घांटो झाल जीभ बस कीनी,

आंख कान में अड़ियो रे

हाथ पगां रे लळका देतो,

कपड़ां ऊपर चढ़ियो रे

दिल री लाय बां’ठका बाळे,

भूंडी मार सि॰

नाड़-नाड़ में जहरी रमियो,

रूं-रूं रातो मातो रे

मोटा रोग मुळकता लावे,

रोपे जी ने भातो रे

तन, मन, धन री धूड़ बणावण,

करे गजब व्यारी

भूंडी मार सि॰

मर मजदूर कमावे रिपियो,

थाको मांदो आवे रे

टाबरियां ने छोड़-छान में,

मन बहलावण जावे रे

थाकेलो इण तरह उतारे,

कर-कर झकमारी

भूंडी मार सिं॰

कुछ सिगरेट पान में फूंकै,

कुछ कुणक्यां ठग खावे रे

परणी बीबी काठी उथपे,

छेकड़ लाज गमावे रे

नागी भूखी, पड़दो-फाड़े,

आंख काढ़ खारी

भूंडी मार सि॰

स्रोत
  • पोथी : गुणवन्ती ,
  • सिरजक : कान्ह महर्षि
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