कूख में

बेट्यां

मारीजी...

दायजै री

दोजख सूं

डर'र

बेट्यां थुड़गी!

दायजै री दाझ

मांदी पड़गी

पण

पूरी बुझी कोनी!

बुझसी कद?

छड़ा रैयसी

ठोरड़ू ऊंट रै

पूंछ बरगा जद।

स्रोत
  • पोथी : बेटी ,
  • सिरजक : मनोजकुमार स्वामी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : Pratham