इतियास रै आंगणै

वगत रा मैदान में

देश देश रा जुद्ध व्हेता आया

राज री राड़ व्हेती आयी

विचारधारा री तरक तलवारां चालती आई

जमी सारू झौड़ कठै कोनीं

रंग री राड़ दुनियां झेलती झेलती काई व्हेगी

धरम रै नाम पर धूंसा जगत में सुंणता आया

ऊंचनीच रौ ओछापण

मिनखपणा पर काळस पोततौ आयौ

जातियां रा झूठा अेमभाव रा झगड़ां सूं

जीवाजूंण रौ काळजौ डामीजतौ रह्यौ

पण सौत रौ सभाव

दवायां में कीकर आयौ?

दवायां सब

कूदरत रौ मिनख सारू करियौ थकौ सराजाम छै

आज तक ईज बात आम छै

पण अबै आंरी ऐनां क्यूँ लड़ै?

आयुर्वेद कैवै एलोपैथी काम री कोनीं

एलोपैथी कैवै आयुर्वेद रौ पतियारौ कोनीं

यूनानी योग प्राकृतिक चिकित्सा इणरी बैनां छै

आखी दुनियां एलोपैथी री हलायोड़ी हालै

तगड़ी शौध री ताकत पर खड़ी छै।

बातां पढवा सुंणवा में आवै

पण योग प्राणायाम तौ आखी दुनियां में अपणावै

पैला आम लोगां नैं उपलब्ध कोनीं छी

तौ जांणणिया ईज जांणता

सिखावणी व्हेती वांनै सिखावता

पण पीढी पीढी ज्ञान री धारा बैवती रैयी

जीवाजूंण इणनैं काम में लेवती रैयी

मांदा नैं ठीक करती रैयी

निरोगां नैं तगड़ा करती रैयी

कुदरत री जूंण

अर कुदरत री जड़ी पून

इणमें कळै कैड़ी

अर क्यूँ?

कळै करै कुंण छै?

जद'क आखी दुनियां में

राज कमर बांधी

एलोपैथी आयुर्वेद यूनानी योग प्राणायाम

प्राकृतिक चिकित्सा होमियोपैथी सब नैं वापरी

सबरी सावळ पढायां री तजवीज करी

सबमें शौध खौज रा साधन करिया

सबरी कालेजां सफाखाना खोलिया

जीवाजूंण रा जतन करवा

सगळा सराजाम करिया

पण दो हजार इक्कीस में

कोराणा री महाबैमारी में

करकसा ज्यूं किच किच करै

ओपरी बात ओपै कोनीं

मांनखौ करड़ौ कष्टीजियौ

एक आड़ी दवायां री पड़ती कमी

दूजी कांनी दवायां री बधती झौड़

जीवाजूंण रौ जीव ऊंचौ चढावै

सगळी दवायां आप आपरा तरीका सूं

प्राणियां री मांदगी मेटती आई है

तौ सब जांणै ईज छै

तौ इण पर सवाल उठावणा सावळ कोनीं

सबनै ढंग सूं काम करण दौ

थांनै हाथा जोड़ी छै।

एक मांदौ पैरासिटामोल भी लैवै

एजिथ्रोमाईसिन भी लेवै

अर साथै अनुलोम-विलोम अर योग प्राणायाम भी करै

सब सावळ व्हेवै छै

गंभीर रोगियां नैं देवसरूप ईलाज करणिया

चौईस घड़ी संभाळै

जद ईज तौ कोराणौ कब्जै आवै

नीं जणै कांई झाड़ा दिरावण सूं आयौ कांई ?

राज हेला पाड़ पाड़'र कैवै

अखबार टीवी चैनल सोशल मीडिया सब में

विगतवार बतावै'क कोराणा रा मांदा नैं

फलांणी फलांणी दवायां लेवणी

रखा परेज राखणा

इणमें सब दवायां तरीका भेळा छै।

सब दवायां सब तरीका

ईलाज करणिया घरै आय'र बतावै

पूरी भळावण देवै

रात-विरात तकलीफ व्हेवै तौ कानाबाती करवा रौ कैवै

तौ जणै तकलीफ छै कठै?

किंणरै छै?

दवायां री राड़ छै'क

दवायां रै राड़ छै?

पण मांनखा रै माथै मनोविज्ञानी मारकेटिंग री मार छै।

थोड़ौ राम नैं माथै राखौ

कोराणा रा काल में कळै मत करौ

स्वारथ री जीभ नैं सामधरम री सांकळ सूं बांधौ

परमारथ रौ परसाद बांटौ

सबनै बांटौ

सब जगा बांटौ

सगळी जीवाजूंण नैं बांटौ

अर कोराणा रा इण कष्ट नैं काटौ।

स्रोत
  • सिरजक : राजेन्द्र बारहठ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी