बीनणी

सासरै में

कियां सोय सकै

नचीती होयर

सगळां रै

पैलै हेलै माथै पूगै

सैं सूं पैली

सगळा जतावै

आप-आपरौ हक़

अर बीनणी

बिच्यारी

कियां लेवै जक़।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 5 ,
  • सिरजक : ऋतुप्रिया ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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