1
इंडिया नैं जानण खातर आयां ‘मैक्समूलर’
नूंवी जाणकारी पा’र समाया नीं फूल’र
आयी निरजळा एकादसी
बां भी कमर कसी
घड़िया ग्यारस राखी, चला बिना पाणी कूलर
2
कलाकार होया करता मूलचंद निजैड़
मा गरगी बिपदा रो आ पड़यो ऊपर बड़
करी जणा बैठक
मिली नीं दरी तक
बैठण नैं बिछा दिंदी पाबूजी री फड़
3
डांगरां रा डाक्टर होमा करता गोप
धोती कुरतो पै’र ऊपर ओढ्या करता टोप
सै’र जार आंवता
टाबरां नैं बुलांवता
नाळ स्यूं पिलाया करता, पोलिये री ड्रोप।
4
जंगल स्यूं लकड़िया काट’र ल्यातो ‘म्हादो’
गळियां में घूमघूम बेच्या करतो लादो
लाम्बो दिखतो हद स्यूं
ऊंट रै भी कद स्यूं
‘हील’ बणग्यो जूत्यां हेटै चिप चिप’र कादो।
5
गैस मुकगी घरां में बळया कोनी चुल्ला
पाड़ौसी नैं म्हैं पूछ्यो किंया पकाओ फुल्ला!
बोल्यो आगी औसाण
मिटगी सारी रामाण
सुभै साम खावूं भाया! धाप’र रसगुल्ला।
6
खाती पणो छोड़’र ल्यायो माल, कर उधारी
टिंबरमचेंट बणग् म्हारलो ‘हजारी’
चाणचकै बाढ़ बाढ़ आई
बहग्यो सौ:, करै कै लाई
घड़ै बैयढ़ो बेचण खातर, काठिया सुवारी।
7
बीन बण’र फेरा मांय बैठ्यो जणा ‘राव’
बीनणी नैं नूंवा रै बढ़ावण रो हो चाव
निभावण नैं साथ
लियो हथलेवैरो हाथ
बनड़ै रै हाथां में नूंवा स्यूं पड़ग्या घाव।
8
एन. सी. सी. में सूबेदार होंता मिस्टर ‘गौड़’
घर में सारै टाबरां नैं देया करता रो’ड़
छिपतो जणा दिन
करता ‘फाल इन’
लाइन में सुवा उढांता तंबू री ही सोड़।