बिनां बुलायां

बुझ्यां

पड़ै भच्चकै

जियां लागै जोर सूं

सांमी छाती धच्चको

ओ! कैं को मेहमान

ओतो है ‘डचको’।

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : विश्वम्भर प्रसाद शर्मा ‘विद्यार्थी’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन