मिनख
मिनख नीं
दिन दिन
जिनावर बणरियौ है।
ताज्जुब री बात
तो आ है के
इण खातर ही
सायद वो आज—
स्कूल अर कालेजां में
भण रियौ है
कांई करै
बापड़ौ मास्टर
अर बेचारौ लेक्चरर
कोन्या मानै
सगां मायतां की
अपणे आप नैं
खुदा गिणरियौ है।
मिनखपणौ
नेड़ौ नहीं
उणनै कीकर
मिनख कैवां
ओ जिनावर
ज्यूं जिनावर
इण नै कांई ठा
कुण इण री
ऊन लण रियौ है।
सुधरतौ
मिनख जमारौ
जो जीवतो मिनख
मिनखां खातर
पण जीवै ओ
फकत खावण नैं?
अर लडण नैं
कुण समझावै इणनैं
अपणै हाथां
आप ही मर रियौ है।
मिनखपणा री
लाज बचावणियां
मुरदां में
जोश जगावणियां
आंधा अजाणां नैं
मारग घालणियां
सबदां नै
नुंवो अरथ देवणिया
कांई निरभै
नींद में सोय रिया है।
नींद रा लोणा रो
जागौ जागौ
बेगा सी जागौ
पाछै के होसी
जै रामत रमजासी
मंडिया मंडाया
बणिया बणाया
आज आपणां
जीवतां जागतां
चितराम बदळरिया है।