1

धूड़ में न्हावै
चिड़कल
हळ-बळद जोत
नीसरै
खेतां
करसौ।

2

छाती में माथौ देय
डुसकियां चढ जावै
चिड़कल
मांय रौ मांय
ऊंडै तांई
तिड़क जावूं
म्हैं।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : मीठेश निर्मोही ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम