(छंद जाती सिंहावलोकन)

खमणोर खसाण घण मधि रिण खेहण,

खेहण दुअण घण एम खसै।

जोगणि सुर जोअण सुर जण जण,

हण हण हथवाह सूर हसै॥

ग्रीधण मण ग्रहण ग्रहण मुणखर गुण,

जिण रुख अरजुन कन जुड़िया।

परताव निवड़ भड़ दळ पतिसाही,

आवि रणंगण आहुड़िया॥

सहु बळ दळ सबळ सबळ दळ सहु बळ,

सारल बळ झळ साळुळिया।

हूंकळ होइ कळळ कळळ होइ हूंकळ,

असुर अने सुर आफळिया॥

बळ लोह झळळ बळ बळ झळ लोह बळ,

अभंग बिन्है दळ आथड़िया।

परताप निवड़ भड़ दळ पतिसाही,

आवि रणंगण आहुड़िया॥

खळ खट होइ विकट विकट होइ खळ खट,

खाग विकट झट खळ खटिया।

आवट चट अरट अरट चट आवट,

असल थटे वट आवटिया।

साहट थट सुभट सुभट थट साहट,

पट चट बट होइ रण पड़िया।

परताप निवड़ भड़ दळ पतिसाही,

आवि रणंगण आहुड़िया॥

धजवड़ ग्रहि धवड़ धवड़ ग्रहि धजवड़,

सार सुजड़ झड़ सामहिया।

लड़थड़ धड़ मड़ड़ मड़ड़ होइ लड़थड़,

दड़ड़ रुहिर जड़ वाजविया॥

घाइ घड़े अघड़ घड़ घड़ अरि उकड़,

मरगड़ बीछड़ घड़ मुड़िया।

परताप निवड़ भड़ दळ पतिसाही,

आवि रणंगण आहुड़िया॥

स्रोत
  • पोथी : प्राचीन राजस्थानी काव्य ,
  • सिरजक : गिरधर आसियो ,
  • संपादक : मनोहर शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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