यां गडरियां का रेवड़ देखो
ज्यांकि न जमीन आपकी
न मकान आपका
न ठिकाणा
न गाड़ा-धोड़ा-भाड़ा
छै तो बस
आसमान की ऊंचाई ताणी
खुलेड़ा ऊंचा ठिकाणा
बिन डोळी-डंडा का गुवाड़ा
धरती माता की खुलेडी किंवाड़्यां
हाथ मांही दो-चार भांडा
अर अेक ऊंटगाडा ऊपर
अकाथ टूटया-फूटया
गूदड़ा-गाबला अर खाट
कतारां मांही नचींती चालती
भेड़ा-बकरियां, नान्हो-सो कांख मांही
भावी गुवाळियो
जिनावरां की लेर चालतो
रैबारी अर रेवड़ की असीम
संतोप, शांति, मीठी मुळक को
अर यो गीत
रेवड छै जी, यो तो चाल्यां जावै छै
कदै न थमै, यो तो चाल्यां जावै छै।