1

आजे फेरू
घणी विताड़ी है
हाऊअे
नवी वऊ नै
जनमदाड़ो जे हतौ
अणी
अणगमती
हरगवासी हाऊ नौ...

2

जणै
भासण आल्यू हतू
गांगेड़ी-गांगेड़ी नै
महिला दिवस माथै
आजे देखंणां हता

प्हेता थका
स्हैर ना कोठा मयं
वणंश्रा गौठिया साथै...

3

खूब’ज तपी र्‌यं हैं
धरती-अँगास
मनखं नै
हैय्या नौ
ताप जौ वदी ग्यौ है...

4

गगड़ाहट तै
घणं करै हैं
पण वरसतं न्हें हैं
हेंत नं वखेरायलं
वादरं...
स्रोत
  • पोथी : जागती जोत (मई 2023) ,
  • सिरजक : प्रतिज्ञा भट्ट ,
  • संपादक : मीनाक्षी बोराणा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर