करा-करा

भ्रूण हत्या

घटा दी नारी जाम!

कुंगर फिरसी

घोड़त्यां लारै

अर मरसी कुंवारा,

बोकसी

धोरियां चढ-चढ'र

'हो रे! कुंवारा

मरस्यां रे..!

कूख में

बेट्यां मार'र

पाप कर्यो मायतां...

...म्है छड़ा रैय'र

भुगतस्यां।

स्रोत
  • पोथी : बेटी ,
  • सिरजक : मनोजकुमार स्वामी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : Pratham