भूख
जद-जद कूदण लागी पेट में
म्हैं उणानै
आदरसां री सूळी माथै लटकाय नै
सहादत रौ सुख पावणौ चायौ
कितरौ गळत जियौ हूं म्हैं!
भूख नै फलसफाइज करणौ ई
एक गुनौ इज व्है
अर वौ गुनौ
म्है कियौ हूं ।
रोटी
रोटी रौ मिरग नीं व्है सकै,
भूख
नीं व्है सकै मिरग-तिसणा
दूर रा ढोळ इज सुहावणा नीं लागै
दूर (दूजां) री भूख ई सुहावणी लागै है
उणरी बातां करण में आनंद आवै ।
जद हेताळू री कमी
इतरी काटै
तद कलपना तौ करौ
आंतड़िया नै रोटी री कमी
कितरी काटती व्हैला!
भूख रौ रोटी सूं ई
एक लगाव व्है
जिकौ मनड़ै रै रोमांस सूं
वत्तौ खावै, वत्तौ दुख देवै ।