अब लगी भयंकर आग भायला जाग सके तो जाग।
बेटा तो बिके ज्यू घेटा बिके आज मेला में।
लाय लप्पा लाग रही टिका के झमेला में।
देविया धधक रही दाइजे री झाळमें।
आप किंया सो रिया हो जागता जंजाळ में।
बेसरम लोग सरम नहीं आवे।
पइसो रे हेत बेटा दूजी बहु लावे।
ऐ विषव्यापी कालिन्दर नाग।
भायला जाग सके तो जाग॥
अब लगी भयंकर आग भायला जाग सके तो जाग॥
काल में जबाब देस्यूं, आज जिसा गांमग्या।
पण पाँच लाख तो पारसदांनजी परसूं ही धामग्या।
चाँदी रो नालेर होसी सागे काई कैणों है।
सोनो गैणो सान्तरो अर दाईजो भी दैणों है।
दुसटी लोग मांगवा दौडे़, पैइसो रे लिए भीता से माथा फौडे़।
आंने रूपया सूं अनुराग, भायला जाग सके तो जाग॥
पढायो लिखायो जायो, देसने समाजने।
आप किया छोड़ पाल्यां दूरदेस भाजने।
देसने बणायो जोगो हुलरायो देसने।
आप तो पलट गया झट परदेस में।
धूडखांणां लोग धोले धूड़ पटकावे रे।
देसी भाषा छोड़ने विदेसी गीत गावे।
अे फिर पछतासी निरभाग, भायला जाग सके तो जाग॥
बापूजी सिधाया सुरंग रोवता ईलाजने।
बेटा लारे मौसर कियो, कूड़ी राखण लाजने।
पांचू पकवान कर ऊंची मूंछा ताणे है।
सोनो गेणो बेच दियो, खेत भी अडाणे है।
निरलज लोग लाज नी आवे।
भाई सेण भेळा होय, दारू गटकावे।
सिर बान्धया धोली पाग, भायला जाग सके तो जाग॥