बेणीसर नुं बेणकू

तरवेणी नौ घाट

जाखम, सोम नै माही

झीलो तौ हंगरियै

बला टळी जाय

लीलाधर लीला करै

माहाव्य मनोहर नाथ

फड़के धजा श्री हरि नी

याद आवे हर अेक वात

जौ कही ग्या म्हारा मावजी

खरे खर थई रई आज़

आबू दर्रे आवे म्हारो कल्पदम

होंय जौवो रै वाट

कळजुग मअें फेर न्हें मलै

बेण वृन्दावन जौवो धाम

वागड़ नौ कुंभ क्हेवाय

हरि नै हर बै पूजाय

आक्खी मनख जात अेक हाते बेहै

मावजी मराज नी गाणी गायं हैं

हराब्बू व्है कै,

करवू होवे पिण्डदान

कल्कि अवतार नूं मौट्टू थान

आणां तीरथ नूं है घणू मान

बेणकू है अमरत नौ

माही मावजी नी लीला न्यारी

आवो कारे अेक वेळा तौ

आनी सोभा घणी है रूपाळी।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : राम पंचाल भारतीय ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी