म्है
नौ बैन एक भाई
कुल जमा
दस बैन—भाई।
पैली
नौ बैनां आई
मा बतावंती
दादी भोत रोंवती
भीतरली साळ
दादो समझांवता
देखी कदैई आसी
ऊपरलो पानो
अणमणीं दादी
नांव राख्या म्हारा
नव दुर्गावां माथै
लाड पण करती
कैंवती छोर्यां
आपरो भाग लेय’र जामै
जासी परी एक दिन
आपरै ठावै ठिकाणैं।
छेकड़लो भाई जलम्यो
दादी छात चढ
जोर सूं बजाई थाळी
गळी धूजगी
समूळो सैर ढूकग्यो
म्हारै आंगणै
बधायां लेवण-देवण।
आज म्हैं
म्हारै ठावै ठिकाणैं आय
जद जामीं
लगोलग दो बायां
घरां सुनियाड़ पसरग्यो
दो जाम दी
अब छोरो कियां होसी
जे होसी तो
खसम रो रुकसी
परमोसन
डुबो दिया काळीधार
दादी सासू बोली
मा माथै गई है
बेल तूंबड़ी री है
तूंबड़ी रै तो भई
तूंबा ई लागसी।