हांडी सूं निसर
गयो धरती री कूख
पाळया सुपना
फळीजण रा अलेखूं
हळवां-हळवां पांगर्यो
काढ्या पानका
फूल काढ हांस्यो
खिड़ खिड़
खेत में
धोरी रै हेत में
लू रै नीं जंची
बाळ-सुका
रळा दियो रेत में।