सहेल्यां री लार, मरदल अर् नार
बीनण्यां री बात, कंवळा काचा हाथ
टाबरा री हंसी, बाजता, चंत्र-ढोरू-बंशी
लुगाया री मखौल, मीठा मदरा बोल
गीता री राग, मोरलिया अर् काग
धड़िया री बाट, गांवा रा ठाठ
चुड़ल री खनखन, पाजेवां री छन छन
सोक्यूं याद आव छैं
बावड़ी क्यूं नीर बहाव छैं।