बंतळ हुंवती
अणजाण सूं ई मोकळी
नानी रो मूंडो
नीं रैवतो हो
मुरझायेड़ो
कैवतो हो
दरखत
लोक री गाथा
जोबन मुळकतो
बटावू नै निरखतो
अब बगत बीतग्यो
मिनखपणो रीतग्यो
बंतळ तो हुवै आज ई
पण फेसबुक अर वाट्स अप माथै
फेस टू फेस
बैठणै री
कुण पाळै हूंस।