म्हूं छोटी थकां

बाळपणै में

घणी बार

माथै में टिकी

आंख्यां में काजळ

होटां माथै

लिपस्टिक लगा’र

मा री चुन्नी नै

पैर’र साड़ी दांईं

खड़ी हुज्यांवती

दुराजै कन्नै

पछै बंटावती ध्यान

अर

सोचती

कै कोई

देखै मन्नै।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 5 ,
  • सिरजक : ऋतुप्रिया ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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