बालपणै मांय ब्याव रै मंड़ियो,
साजन को करवायो साथ।
साजन म्हारौ दारू पियै,
जीवण म्हारौ होयो जंजाळ॥
भाभोसा नाही जोवियो,
घर घोडी अरू गुण वाण।
साजन तो म्हारौ दारू पियै,
दैखी रै जमीन जायदात॥
बालपणै मांय ब्याव रै मंड़ियो,
साजन को करवायो साथ।
किणरै सागै लाड़ लडावो,
किणै करो हिवडै री बात।
साजन तो म्हारौ दारू पियै,
म्हानै नोकी नरक रै मांय॥
सहेलिया तो मानै रै कैवै,
मुळकै छै मनडै मांय।
साजन तो म्हारौ दारू पियै,
मैणी देती सासरियै जाय॥
बालपणै मांय ब्याव रै मंड़ियो,
साजन को करवायो साथ।
खैलण रा दिनडा मायणै,
कर् यो भाभोसा खोटो काम।
साजन तो म्हारौ दारू पियै,
वासूं कर् यो माको ब्याव॥
बालपणै मांय ब्याव रै मंड़ियो,
साजन को करवायो साथ।
साजन तो म्हारौ दारू पियै,
बालम माहारौ दारू पियै॥