बालम म्हारौ ढाई बरस रो,

म्हारी उमर पूरी बीस।

म्हारी उमर पूरी बीस,

अब थारै हवाले जगदीश॥

साजन ले म्है कडिया चालू,

काम करू या राखू।

साजन अर म्हारी लागै जोड़ी,

ज्यू लागै मतीरो नीमोळी।

बालम म्हारौ ढाई बरस रो,

म्हारी उमर पूरी बीस।

म्हारी उमर पूरी बीस,

अब थारै हवाले जगदीश॥

घडलो लेय'र पाणी चालू,

लारै लारै म्है भालू।

पकड़ घाघरो साजन हालै,

सकिया ताना मारै।

भाभोसा घर गोडी जोई,

बालम तो आख्या मीस।

बालम म्हारौ ढाई बरस रो,

म्हारी उमर पूरी बीस।

म्हारी उमर पूरी बीस,

अब थारै हवाले जगदीश॥

बालम म्हारौ दडिया खेलै,

म्है खेलू किण विद।

किणै करू मनडै री बातां,

म्हारै हिवडै घणी छै पीड।

बालम म्हारौ ढाई बरस रो,

म्हारी उमर पूरी बीस।

म्हारी उमर पूरी बीस,

अब थारै हवाले जगदीश॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : रामाराम चौधरी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी