लड़का-

मेरी बाइसिकल कुरण चोरी रे
चोरी चोरी चोरी कोई जालिम छोरी रे
मेरी बाइसिकल-

तीन लोट सौ सौ का लाग्या जद बा घर में आई
पण कोई पुरब जलम की बैरण बीनें भी उचकाई
मेरी सांड दुपहिया सोरी रे!
चोरी चोरी चोरी कोई जालिम छोरी रे!

लड़की-

तीन टकां की बाइसिकल को इतणूं रोब दिखावै
छोरयां कै चोरी करणैं को झूठो नाम लगावै
तेरी मती कियां की होरी रे!
चोरी चोरी चोरी कोई जालिम छोरी रे!

लड़का-

तीन टकां कै मूं से निकलै तीन टकां की बात
और नहीं तो एयां कैदे कींकी के ओखात
चोरी करकै सीना जोरी रे!
चोरी चोरी चोरी कोई जालिम छोरी रै!

लड़की-

चुप चुपरै चुप रैज्या तू मूं सम्हाळ कै बोल
और नहीं तो पड़ज्यावैगा आज कमर धोल
तेरी धरी रहैव्गी तोरी रे!
चोरी चोरी चोरी कोई जालिम छोरी रे!

दूसरी लड़की-

भाया, तेरी बाइसिकल मैं लेगी खोल किंवाड़
थे झूठ्याणीं बात बढ़ाकै क्यूं कर राखी राड़
बांधो आज्यूं प्रेम की डोरी रे!
चोरी चोरी चोरी निकली घरमें चोरी रे!
स्रोत
  • सिरजक : विश्वनाथ शर्मा विमलेश ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी