रूळी-सी गंडकड़ी
चालै
गाडै री छिंयां-छिंयां
होय जावै
बीं रै मन मांय बै’म
कै चालै गाडो
फगत बीं रै ई पाण
गंडकड़ी थम जावै
पितावण सारू अेक जिगां
नीसर जावै
ऊपरा’कर गाडो
अर बगै बिंयां ई
चरड़क-चूं, चरड़क-चूं
रूळती गंडकड़ी
बैठी गेलै माथै
चाटै टूटळी टांग
देखै जांवतै गाडै नै।