बदळ जावै लोग

समय सारू!

आवै जद कदैई

जिकै हाथ ताकत

बदळ जावै बोली

अर बोलण रो ढंग...

आपरै नेड़ै

अर दूर रा लोग

बियां बदळ जावै

अपणायत

समय सारू।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : आशाराम भार्गव
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