कमरो
नै कमरा मैं
कुर्सी
कुर्सी मातै बेटी ठाट थकी
डोकरी एक एटले के बीसवीं सदी
मैं वतसवी
बा!
अवे तू गल्ली थई गई है
एक दाड़ो जाणु है भगवान नै धेरै
पर मारी वाली बा!
जाती थकी लेती जाजै
सब दुःख
मनक नी भूख
मारम कूट
आपस नी फूट
पाप नं पाण्ं
फोमतियं नं बाण्ं
लेती जाजै।
भूली जयं
तो आ दुनिया हराफ देगा
के तूस हती सब थकी वदारै
पापैण
घोटी थकी लगाड़ी नै
सोटी तक
जेर नी भरी
हापैण।