कुण ज़ाणै तमनै खबर पड़ेगा कै नै?
कै अमारी औकात हूँ अती
क्यं थकी उग्या'ता अमें
अमारू बीज कई धरती नु अतु
नै कई धरती गरावी रई है
अमारा बीज नै!
अमारा पूर्वोज़
अमन कैता'ता कै
ई एक पौतिया मएं हेतु वर काडता'ता
नैं एक रुपिया मएं
जमानो खरीदता'ता
पोग वना जौडं ना रैता
तोय तपी तपी नै थापड़ा नतं थाता
घी दूध होते थकै
खावाना वांदा त' रैतास् अता
पण धरती एणनी अती
धरती नी पोंबर नै
ई औरकता अता।
वै एनी मोह माया मएं
ई आपडै आप नै
भूलावी नाकवा मएं नामी अता
नै आज़े
नवा बीज मएं थकी
एवी तितलिए नैकरी आवी हैं
जेणनै खबर नती के
फूल नै शिवाय पण
कैक बेवाई शकै
नै फूल न रोकडं, झाड़ नै सौड़
कईक धरती वना
नती हबाई शकतं।
हवा मएं फूलं उगड़वा नी
कल्पना मएं मकलाई मकलाई नै
उड़ी रई हैं तितलिए
एक फूला थकी बीजा फूला हूदी।